कानपुर : इन दिनों उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. कई इलाकों में कोहरे और शीतलहर की वजह से लोगों का जीना मुहाल है. कई दिनों तक धूप के दर्शन तक नहीं हो रहे. ऐसे में लोगों को स्वास्थ्य संबंधी कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. खासतौर पर ठंड के इस मौसम में हार्ट अटैक के काफी मामले देखने को मिल रहे हैं. ऐसा नहीं है कि हार्ट अटैक सिर्फ बुजुर्गों को ही हो रहे हैं, इसकी जद में जवान और किशोर भी आ रहे हैं.
आंकड़े काफी डरावने हैं. उत्तर प्रदेश के कानपुर में पांच दिनों में हार्ट और ब्रेन स्ट्रोक से 98 लोगों की मौत हो चुकी है. 98 में से 44 की मौत अस्पताल में हुई, जबकि 54 मरीजों की इलाज से पहले मौत हो गई. ये आंकड़े एलपीएस इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी ने दिए हैं. लक्ष्मीपत सिंघानिया इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी एंड कार्डियक सर्जरी, कानपुर द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले एक सप्ताह में अस्पताल के आपातकालीन और बाह्य रोगी विभाग (OPD) में 723 हृदय रोगी आए हैं.
भीषण ठंड से पीड़ित 14 मरीजों की शनिवार को हार्ट अटैक से मौत हो गई, जबकि छह लोगों की हृदय रोग संस्थान में इलाज के दौरान मौत हो गई. संस्थान में आठ लोगों को मृत लाया गया. शहर के एसपीएस हार्ट इंस्टीट्यूट में पिछले 24 घंटे के अंदर 14 मरीजों की मौत हुई है.
हृदय रोग संस्थान में कुल 604 मरीजों का इलाज चल रहा है. इनमें 54 नए और 27 पुराने मरीज शामिल हैं. कार्डियोलॉजी के निदेशक विनय कृष्ण ने कहा कि इस मौसम में मरीजों को ठंड से बचाना चाहिए.
लखनऊ में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) के एक फैकल्टी मेंबर ने कहा, इस ठंड के मौसम में हार्ट अटैक केवल बुजुर्गों तक ही सीमित नहीं है. हमारे पास ऐसे मामले भी आए हैं, जब किशोरों को भी हार्ट अटैक आया है.