कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने अमेरिका दौरे के दौरान टेक्सास में एक जनसभा को संबोधित करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर तीखे हमले किए।
उन्होंने अपने भाषण में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार की नीतियों और उनकी विचारधारा पर सवाल उठाते हुए कहा कि अब देश की जनता भाजपा के विभाजनकारी एजेंडे को पहचान चुकी है और इसका डटकर मुकाबला करने के लिए तैयार है।
राहुल गांधी ने इस बात पर जोर दिया कि भाजपा का डर अब खत्म हो गया है और देश का लोकतंत्र और संविधान खतरे में है, जिसे बचाने के लिए हर भारतीय को एकजुट होना पड़ेगा।
भाजपा और RSS पर निशाना
राहुल गांधी ने अपने भाषण में भाजपा और RSS पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि यह दोनों संगठन संविधान और लोकतंत्र पर लगातार हमले कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा और RSS देश के लोकतांत्रिक ढांचे को कमजोर करने का काम कर रहे हैं और जनता को धर्म और जाति के नाम पर विभाजित कर रहे हैं।
राहुल ने कहा कि भाजपा की नीतियां न केवल आर्थिक रूप से बल्कि सामाजिक रूप से भी देश को पीछे ले जा रही हैं। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह सत्ता में बने रहने के लिए विभाजनकारी राजनीति का सहारा ले रही है, जबकि देश को विकास और एकता की जरूरत है।
“डर का माहौल खत्म हो गया है”
राहुल गांधी ने यह भी कहा कि अब भाजपा का डर खत्म हो गया है। उन्होंने दावा किया कि भाजपा ने अपने शुरुआती वर्षों में जनता के मन में भय का वातावरण पैदा किया था, लेकिन अब लोग जागरूक हो गए हैं और वे इस डर को नकार रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने अपने शासनकाल में लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर किया, लेकिन अब जनता ने इन हमलों के खिलाफ आवाज उठानी शुरू कर दी है। उन्होंने आगे कहा कि अब समय आ गया है कि देश के लोग अपने अधिकारों के लिए खड़े हों और लोकतंत्र को बचाने के लिए संघर्ष करें।
संविधान की सुरक्षा पर जोर
राहुल गांधी ने अपने भाषण में विशेष रूप से भारतीय संविधान की रक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि संविधान देश का आधार है और यह सभी नागरिकों को समान अधिकार देता है।
उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह संविधान को कमजोर करने और अपने राजनीतिक हितों के लिए उसे तोड़-मरोड़ कर पेश करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि यह देश के लिए अत्यंत खतरनाक है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
राहुल गांधी ने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी संविधान की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और वह किसी भी कीमत पर लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर नहीं होने देगी। उन्होंने यह भी कहा कि देश की जनता अब पूरी तरह से जाग चुकी है और संविधान को बचाने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
आर्थिक नीतियों पर हमला
राहुल गांधी ने अपने भाषण में भाजपा की आर्थिक नीतियों की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की नीतियों ने देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया है।
उन्होंने नोटबंदी और जीएसटी जैसे फैसलों का जिक्र करते हुए कहा कि इनसे देश की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ा है और इसका सीधा असर आम जनता पर पड़ा है। राहुल गांधी ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए सही नीतियों की आवश्यकता है, जो कि वर्तमान सरकार देने में विफल रही है।
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि कांग्रेस पार्टी एक ऐसी अर्थव्यवस्था का निर्माण करना चाहती है, जिसमें हर व्यक्ति को समान अवसर मिल सके और किसी को भी जाति, धर्म या वर्ग के आधार पर भेदभाव का सामना न करना पड़े।
जनता से अपील
राहुल गांधी ने अपने भाषण में जनता से भी अपील की कि वे भाजपा और RSS के विभाजनकारी एजेंडे को नकारें और देश की एकता और अखंडता के लिए काम करें।
उन्होंने कहा कि भारत की असली शक्ति उसकी विविधता में है और इस विविधता को संरक्षित करना हर भारतीय की जिम्मेदारी है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा देश की एकता और अखंडता के लिए काम करती रही है और आगे भी करती रहेगी।
राहुल गांधी ने अपने भाषण का अंत यह कहते हुए किया कि देश की जनता अब जागरूक हो चुकी है और वह भाजपा की नीतियों का डटकर मुकाबला करेगी।
उन्होंने कहा कि भाजपा का विभाजनकारी एजेंडा अब सफल नहीं होगा, क्योंकि जनता ने इसे पहचान लिया है और वह अब अपने संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार है।
अमेरिका दौरे का महत्व
राहुल गांधी का यह दौरा न केवल कांग्रेस पार्टी के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि भारत के राजनीतिक माहौल के लिए भी। उनके भाषणों ने कांग्रेस पार्टी के समर्थकों में एक नई ऊर्जा का संचार किया है और यह दर्शाया है कि पार्टी एक मजबूत विपक्ष के रूप में उभर रही है। वहीं, भाजपा और RSS पर उनके हमलों ने एक बार फिर से देश में राजनीतिक बहस को तेज कर दिया है।
इस दौरे के दौरान राहुल गांधी ने भारत की मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर खुलकर बात की और यह स्पष्ट किया कि कांग्रेस पार्टी अपने विचारधारा पर अडिग है और वह संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकती है।