अलीगढ़— शहर के बन्ना देवी थाना क्षेत्र के अंतर्गत सूत मिल चौराहा स्थित एक निजी अस्पताल में बुधवार को उस समय माहौल तनावपूर्ण हो गया, जब एक डॉक्टर द्वारा मरीज के परिजनों के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया। घटना के बाद अस्पताल परिसर में परिजनों ने जमकर हंगामा किया, जिसके बाद मौके पर इलाका पुलिस को बुलाना पड़ा।
घटना का केंद्र एक युवक था, जो अपनी गंभीर रूप से बीमार मां को इलाज के लिए अस्पताल लाया था। जानकारी के अनुसार, युवक ने अपनी मां को अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया,
लेकिन इमरजेंसी वार्ड में कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था, जिससे उसकी मां की हालत और बिगड़ने लगी। युवक ने तुरंत अस्पताल के स्टाफ से डॉक्टर को बुलाने का आग्रह किया, परन्तु डॉक्टर ने काफी देर बाद आकर स्थिति को और तनावपूर्ण बना दिया।
परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर ने आते ही ना सिर्फ इलाज में देर की बल्कि गाली-गलौज भी की। डॉक्टर ने गुस्से में कहा, “तुम्हारी मां मरती है तो मरने दो, कहीं और जाकर दिखा लो, मुझे इससे क्या लेना-देना।”
यह सुनकर युवक और अन्य परिजन भड़क गए और अस्पताल में जमकर हंगामा किया। स्थिति बिगड़ने पर अस्पताल के अन्य स्टाफ ने पुलिस को बुलाया।
अस्पताल परिसर में हंगामा और पुलिस की दखल
अस्पताल में हंगामे की सूचना पर इलाका पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों को समझाने का प्रयास किया। पुलिस ने स्थिति को संभालते हुए परिजनों को शांत किया और अस्पताल प्रशासन से भी बात की।
पुलिस ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए दोनों पक्षों की शिकायतों पर ध्यान दिया जाएगा और जल्द ही उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी। अस्पताल के डॉक्टर ने मीडिया से बात करने से इनकार कर दिया और अपनी सफाई में कोई बयान नहीं दिया।
परिवार का गुस्सा और अस्पताल प्रशासन की प्रतिक्रिया
मरीज के परिजनों का कहना है कि डॉक्टर का व्यवहार न केवल गैर-पेशेवर था बल्कि अत्यधिक आक्रामक भी था। उनका आरोप है कि डॉक्टर ने जानबूझकर मरीज की हालत की अनदेखी की और इलाज में लापरवाही बरती।
परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर भी सवाल उठाए हैं, कि एक इमरजेंसी वार्ड में डॉक्टर की अनुपस्थिति और बाद में डॉक्टर का ऐसा आचरण अस्पताल की जिम्मेदारी पर गंभीर प्रश्न खड़े करता है। अस्पताल प्रशासन ने इस पूरे प्रकरण पर चुप्पी साध ली है और किसी भी प्रकार का बयान देने से इनकार कर दिया है।
पुलिस की जांच और आगे की कार्रवाई
थाना बन्ना देवी के एसएचओ ने बताया कि घटना की जानकारी प्राप्त कर ली गई है और परिजनों की ओर से तहरीर दी गई है। तहरीर के आधार पर मामले की जांच की जाएगी और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इलाके में इस घटना के बाद लोगों के बीच अस्पताल प्रशासन की कार्यशैली और डॉक्टरों के व्यवहार को लेकर चर्चा तेज हो गई है। कई लोगों ने इसे चिकित्सा क्षेत्र में लापरवाही और मानवता के खिलाफ मानते हुए इसकी निंदा की है।
निष्कर्ष
इस घटना ने चिकित्सा क्षेत्र में पेशेवर आचरण की आवश्यकता को फिर से उजागर कर दिया है। जहां एक ओर डॉक्टरों को मरीजों की सेवा में तत्पर रहना चाहिए,
वहीं दूसरी ओर ऐसी घटनाएं मरीजों और उनके परिजनों के लिए मानसिक और भावनात्मक रूप से परेशान करने वाली साबित होती हैं। अब यह देखना बाकी है कि पुलिस की जांच में क्या निष्कर्ष निकलता है और क्या डॉक्टर पर कोई कार्रवाई होती है या नहीं।