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अलीगढ़ में बिजली विभाग में बड़ा सस्पेंशन: चीफ इंजीनियर समेत कई अधिकारी निलंबित

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उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में बिजली विभाग से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है, जिसमें भ्रष्टाचार और लापरवाही के चलते कई उच्च अधिकारियों पर कार्यवाही की गई है।

पावर कॉरपोरेशन ने घटिया सामग्री और खराब खंभे खरीदने के मामले में बड़ा कदम उठाते हुए चीफ इंजीनियर समेत कई अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है। यह मामला उस वक्त सामने आया, जब शिकायतें मिलने के बाद जांच शुरू की गई और घोटाले का खुलासा हुआ।

घटिया सामग्री और खंभों की खरीद का मामला

मामले की जांच में पाया गया कि अलीगढ़ के बिजली विभाग ने बड़ी मात्रा में खराब और घटिया सामग्री के साथ-साथ खराब खंभों की खरीदारी की थी। इन खंभों का उपयोग शहर के विभिन्न इलाकों में बिजली आपूर्ति के लिए किया जा रहा था, लेकिन उनकी गुणवत्ता बेहद खराब थी।

इस गड़बड़ी से न केवल बिजली आपूर्ति में समस्या उत्पन्न हुई, बल्कि इससे जनता की सुरक्षा को भी खतरा पैदा हो गया। खंभों की खराब स्थिति के कारण कई स्थानों पर बिजली के तार टूटने और गिरने की घटनाएं सामने आई हैं, जिससे जान-माल का नुकसान भी हो सकता था।

कौन-कौन से अधिकारी हुए सस्पेंड?

इस मामले की जांच के बाद पावर कॉरपोरेशन ने कई अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है। सस्पेंड किए गए अधिकारियों में प्रमुख रूप से चीफ इंजीनियर सुबोध शर्मा और तत्कालीन SE व मौजूदा चीफ इंजीनियर राघवेंद्र शामिल हैं।

इसके अलावा, अधिशासी अभियंता प्रवीण कुमार, SDO शत्रुघ्न चौहान, AE सचिन कुमार और JE मनोज कुमार को भी तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है।

इन सभी अधिकारियों पर घटिया सामग्री की खरीद और इसकी अनदेखी का आरोप है। उनके खिलाफ जांच के आदेश दिए गए हैं और फिलहाल उन्हें अपने पदों से हटा दिया गया है। इस मामले की गहराई से जांच जारी है, और उम्मीद की जा रही है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

जनता में आक्रोश

इस मामले के उजागर होने के बाद अलीगढ़ की जनता में काफी रोष है। लोगों का कहना है कि बिजली विभाग की लापरवाही और भ्रष्टाचार के कारण उन्हें भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

घटिया खंभों और सामग्री के कारण कई स्थानों पर बिजली आपूर्ति बाधित हो गई है, जिससे आमजन को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा, बारिश के मौसम में खंभों के गिरने का खतरा भी बना रहता है, जिससे सुरक्षा के लिहाज से भी यह मामला बेहद गंभीर हो जाता है।

आगे की कार्रवाई

सरकार और पावर कॉरपोरेशन इस मामले को बेहद गंभीरता से ले रहे हैं। जांच रिपोर्ट के आधार पर अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की जा सकती है। फिलहाल, सस्पेंड किए गए अधिकारियों के खिलाफ जांच जारी है और उन्हें अपने पदों से हटा दिया गया है ताकि जांच निष्पक्ष और प्रभावी तरीके से हो सके।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

बिजली विभाग में हो रहे इस तरह के घोटालों को लेकर विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक सख्त निगरानी और पारदर्शिता नहीं होगी, तब तक इस तरह के भ्रष्टाचार के मामले सामने आते रहेंगे।

विशेषज्ञों का कहना है कि बिजली आपूर्ति जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र में गुणवत्ता की अनदेखी करने से न केवल लोगों की समस्याएं बढ़ती हैं, बल्कि यह जीवन के लिए भी खतरा बन सकता है। इस तरह के मामलों में सख्त सज़ा और कड़ी कार्रवाई जरूरी है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।

निष्कर्ष

अलीगढ़ में बिजली विभाग में हुआ यह घोटाला एक गंभीर मुद्दा है, जो भ्रष्टाचार और लापरवाही की बड़ी मिसाल पेश करता है। जनता को हो रही समस्याओं और खतरों को देखते हुए पावर कॉरपोरेशन ने चीफ इंजीनियर सहित कई अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की है।

अब यह देखना होगा कि जांच के बाद और किन-किन लोगों पर गाज गिरती है और क्या इस घोटाले से विभाग सबक ले पाएगा।

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