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अखिल भारतीय पंचायत परिषद की बैठक में पंचायती सुधार पर चर्चा: प्रधानमंत्री से मिलने का फैसला

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नई दिल्ली, 25 अक्टूबर 2024: आज दिल्ली के मयूर विहार स्थित पंचायत धाम में अखिल भारतीय पंचायत परिषद की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक का आयोजन हुआ। इस महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता पूर्व केंद्रीय मंत्री और अखिल भारतीय पंचायत परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष, सुबोध कांत सहाय ने की। राष्ट्रीय महासचिव अनिल शर्मा ने बैठक का संचालन किया।

बैठक के दौरान सुबोध कांत सहाय ने पंचायत प्रणाली को मजबूत करने के लिए कई विचार साझा किए और इस बात पर जोर दिया कि अखिल भारतीय पंचायत परिषद एक गैर-राजनीतिक मंच है, जो लोकतंत्र में सभी मतों का सम्मान करता है। उन्होंने कहा, “गांवों से शहरों की ओर हो रहे पलायन को रोकने के लिए पंचायत प्रतिनिधियों को संविधान में प्रदान किए गए संपूर्ण अधिकार सौंपे जाने चाहिए। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और देश खुशहाल बनेगा।” उन्होंने यह भी घोषणा की कि सभी राज्यों से पंचायत सुधार के लिए सुझाव एकत्र किए जाएंगे और प्रधानमंत्री मोदी से मिलकर उन पर चर्चा की जाएगी।

सुबोध कांत सहाय ने कहा कि पंचायत परिषद गैर-राजनीतिक थी, है और रहेगी, और यह मंच सभी तरह के विचारों का स्वागत करता है। पंचायत परिषद विभिन्न राज्यों के अध्यक्षों और संयोजकों के साथ सुझावों को एकत्र करके पंचायती राज मंत्रालय को भेजेगी और व्यापक सुधार की दिशा में सरकार का समर्थन मांगेगी। उन्होंने ग्रामीण भारत के विकास पर जोर देते हुए कहा कि पंचायतों को मजबूत करने से ही गांवों में स्थायित्व आएगा और देश में समृद्धि का रास्ता खुलेगा।

बैठक में अखिल भारतीय पंचायत परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. अशोक चौहान, महासचिव अनिल शर्मा, राष्ट्रीय महामंत्री महेन्द्र नागर, पूर्व सांसद विष्णु प्रसाद, उत्तर प्रदेश प्रभारी गवेन्द्र सिंह एडवोकेट, प्रदेश संयोजक चौधरी महेंद्र सिंह, सहसंयोजक बद्रीनाथ सहित कई राज्यों के महत्वपूर्ण पदाधिकारी उपस्थित थे। डॉ. चौहान ने सरकार से समय-समय पर पंचायतों की मजबूती के लिए कदम उठाने की मांग करते हुए पंचायत परिषद द्वारा किए गए कार्यों पर प्रकाश डाला और कहा कि परिषद हमेशा से पंचायती राज को मजबूत करने में लगी है और यह प्रक्रिया जारी रहेगी।

बैठक में उत्तर प्रदेश प्रभारी गवेन्द्र सिंह एडवोकेट ने कहा कि जिस प्रकार विधायकों और सांसदों को पेंशन दी जाती है, उसी प्रकार पंचायत प्रतिनिधियों को भी पेंशन दी जानी चाहिए। इसके अतिरिक्त, पार्षद, सभासद, जिला पंचायत सदस्य और चेयरमैन के लिए मासिक मानदेय की भी मांग की गई।

बैठक में अनिल शर्मा को सर्वसम्मति से चुनाव अधिकारी नियुक्त किया गया और चुनाव संबंधी विवादों के निस्तारण के लिए एक टर्मिनल भी गठित किया गया। इसके अध्यक्ष राजेंद्र सिंह तोमर को बनाया गया, और गवेन्द्र सिंह एडवोकेट और महावीर प्रसाद जैन को सदस्य नियुक्त किया गया। बैठक में अन्य महत्वपूर्ण सुझाव प्रस्तुत किए गए, जिनमें मुख्य रूप से कोरामचंद्रैया, ठाकुर बलदेव सिंह, राणा दिनेश सिंह, भूपेंद्र चौधरी, जलील भाई, नरेंद्र सिंह, चिदम्बर रेड्डी और बाला लोधी शामिल थे। इन सुझावों को आने वाले समय में अमल में लाने पर विचार किया जाएगा।

बैठक में देश भर से सैकड़ों प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जो पंचायत व्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए एकजुट हुए थे।

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