कार्यक्रम की शुरुआत कॉलेज के निदेशक डॉ. मोहम्मद वसी बेग के स्वागत भाषण से हुई। उन्होंने यासिर इकराम, एसीएन ग्रुप के चेयरमैन डॉ. आर.ए. चौधरी, और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत करते हुए इस तरह की कार्यशालाओं की महत्ता पर जोर दिया। डॉ. वसी बेग ने कहा कि “इस प्रकार के कार्यक्रम न केवल छात्रों के ज्ञान का विस्तार करते हैं, बल्कि उन्हें व्यावहारिक जीवन में उपयोगी कौशल भी प्रदान करते हैं।”
प्रोजेक्ट मैनेजमेंट के व्यावहारिक पहलू
यासिर इकराम, जो अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के पूर्व छात्र हैं, ने छात्रों और शिक्षकों को परियोजना प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया। उन्होंने परियोजना योजना, टीम प्रबंधन, जोखिम मूल्यांकन, और समय प्रबंधन के महत्व पर चर्चा की। यासिर ने बताया कि एक परियोजना के सफल क्रियान्वयन के लिए उचित योजना और संसाधनों का कुशलतापूर्वक उपयोग अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने अपने दुबई स्थित कार्यक्षेत्र में परियोजना प्रबंधन के अनुभव साझा करते हुए कहा, “प्रोजेक्ट मैनेजमेंट केवल एक तकनीकी प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह एक कला है, जिसमें नेतृत्व कौशल और टीम के साथ सही तालमेल स्थापित करना बहुत महत्वपूर्ण है।”
यासिर ने यूएसए आधारित प्रोजेक्ट मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट (पीएमआई) से प्राप्त अपने प्रमाणन के अनुभव को साझा करते हुए छात्रों को इसके लाभों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस प्रकार की प्रमाणन से न केवल तकनीकी ज्ञान प्राप्त होता है, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर पेशेवर मान्यता भी प्रदान करती है।
एसीएन ग्रुप के चेयरमैन का संबोधन
कार्यक्रम में एसीएन ग्रुप के चेयरमैन डॉ. आर.ए. चौधरी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं छात्रों के लिए बेहद लाभकारी होती हैं। उन्होंने यासिर इकराम के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा, “हमारे पूर्व छात्र जब हमारे कॉलेज में आकर अपने अनुभव साझा करते हैं, तो यह हमारे छात्रों के लिए प्रेरणादायक होता है। इससे उन्हें अपने करियर की दिशा में सही मार्गदर्शन मिलता है।”
डॉ. चौधरी ने आगे कहा कि प्रोजेक्ट मैनेजमेंट की जानकारी केवल इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए ही नहीं, बल्कि सभी क्षेत्रों में उपयोगी है। चाहे वह कोई व्यावसायिक परियोजना हो या व्यक्तिगत जीवन का प्रबंधन, यह कौशल हर जगह आवश्यक है।
पूरे कार्यक्रम का संचालन श्री विकास सारस्वत ने किया। उन्होंने छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए उन्हें यासिर इकराम से सवाल पूछने और उनके अनुभव से सीखने के लिए प्रेरित किया। छात्रों ने यासिर से कई व्यावहारिक सवाल पूछे, जैसे कि “प्रोजेक्ट के दौरान आने वाली चुनौतियों से कैसे निपटा जाए?” और “टीम के साथ बेहतर तालमेल कैसे बनाया जाए?”
कार्यक्रम के अंत में, छात्रों और प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए। इस अवसर पर यासिर इकराम ने छात्रों को संदेश दिया कि “प्रोजेक्ट मैनेजमेंट की कुशलता केवल किताबी ज्ञान से नहीं, बल्कि अनुभव और गलतियों से सीखी जाती है।” उन्होंने छात्रों को अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित रहने और नए कौशल सीखने के लिए हमेशा उत्सुक रहने की सलाह दी।
छात्रों की प्रतिक्रिया
कार्यक्रम में उपस्थित छात्रों ने इसे अत्यंत लाभकारी बताया। एक छात्र, सारा खान ने कहा, “यासिर सर का व्याख्यान बहुत ही प्रेरणादायक था। उन्होंने हमें न केवल प्रोजेक्ट मैनेजमेंट के तकनीकी पहलुओं के बारे में बताया, बल्कि उन्होंने यह भी सिखाया कि कैसे जीवन में चुनौतियों का सामना किया जाए।”
इस कार्यशाला के माध्यम से छात्रों को न केवल व्यावसायिक कौशल सीखने का अवसर मिला, बल्कि उन्होंने यह भी समझा कि प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कैसे उनके करियर को नई ऊंचाई पर ले जा सकता है।
कार्यक्रम की सफलता ने यह साबित कर दिया कि इस प्रकार की कार्यशालाएं छात्रों को वास्तविक दुनिया की चुनौतियों के लिए तैयार करती हैं। एसीएनसीईएमएस का यह प्रयास सराहनीय है और इसने शिक्षा के व्यावहारिक पक्ष को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।