कार्यक्रम में अलीगढ़ के पुलिस अधीक्षक अपराध ममता कुरील, एएमयू के प्रॉक्टर प्रो. वसीम अली, यूनिसेफ लखनऊ के राज्य सलाहकार जावेद अंसारी, आगरा क्षेत्र के उप क्षेत्रीय मद्य निषेध अधिकारी उपदेश कुमार, सहायक क्षेत्रीय मद्य निषेध अधिकारी विमल कुमार, आबकारी निरीक्षक अलीगढ़ कौशल कुमार, और मनोचिकित्सक डॉ. अंशू ने विशेष रूप से भाग लिया। इसके अलावा, सामाजिक संगठन ‘उम्मीद वेलफेयर फाउंडेशन’ के एडवोकेट नदीम अंजुम, आदिल जवाहर, फ़हीम कादरी और शारिक ज़ैदी ने भी कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग किया।
कार्यक्रम की मुख्य गतिविधियां
कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों के स्वागत और दीप प्रज्वलन के साथ हुई। मुख्य वक्ताओं ने नशा मुक्ति से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विचार साझा किए। उन्होंने नशे के प्रकार, इसके दुष्प्रभाव और इससे बचाव के उपायों पर प्रकाश डाला।
पुलिस अधीक्षक अपराध ममता कुरील ने नशे के कारण बढ़ते अपराध और परिवारों पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों पर चर्चा की। उन्होंने युवाओं को नशे से दूर रहने और समाज को इसके प्रति जागरूक करने की अपील की। वहीं, प्रो. वसीम अली ने विश्वविद्यालय के छात्रों को इस अभियान में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया।
डॉ. अंशू ने नशे के शारीरिक और मानसिक प्रभावों पर चर्चा करते हुए बताया कि यह किस प्रकार से न केवल व्यक्ति के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है बल्कि समाज की प्रगति में भी बाधा उत्पन्न करता है। उन्होंने मनोवैज्ञानिक उपचार और परामर्श की महत्ता पर जोर दिया।
नुक्कड़ नाटक और प्रश्नोत्तरी
कार्यक्रम की मुख्य आकर्षण गतिविधियों में तज़किया इस्लामिक स्कूल के बच्चों द्वारा प्रस्तुत नुक्कड़ नाटक शामिल था। इस नाटक के माध्यम से बच्चों ने नशे के प्रकार, इसके प्रभाव और इससे बचने के उपायों को रचनात्मक और सरल ढंग से प्रस्तुत किया। नाटक ने उपस्थित दर्शकों को नशा मुक्ति के प्रति गहराई से सोचने पर मजबूर किया।
इसके अलावा, कार्यक्रम में प्रश्नोत्तरी सत्र का आयोजन किया गया जिसमें नशा और इसके दुष्प्रभावों से संबंधित सवाल पूछे गए। इस सत्र में विद्यार्थियों और अन्य प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। सही उत्तर देने वाले प्रतिभागियों को विशेष रूप से सम्मानित किया गया।
सामाजिक संगठन और उनकी भूमिका
‘उम्मीद वेलफेयर फाउंडेशन’ ने इस जागरूकता कार्यक्रम में अहम भूमिका निभाई। संस्था के एडवोकेट नदीम अंजुम और उनकी टीम ने नशा मुक्ति के प्रति अपने अनुभव साझा किए और इसके खिलाफ सामूहिक प्रयासों पर बल दिया।
नशा मुक्ति के संदेश का प्रचार-प्रसार
कार्यक्रम के अंत में सभी अतिथियों और प्रतिभागियों ने नशा मुक्ति की शपथ ली। उन्होंने समाज को नशे से मुक्त करने और इस अभियान को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प लिया।
इस जागरूकता कार्यक्रम में अलीगढ़ के विभिन्न विभागों, सामाजिक संगठनों और शैक्षणिक संस्थानों की भागीदारी ने इसे सफल बनाया। कार्यक्रम का उद्देश्य नशा मुक्त समाज की दिशा में ठोस कदम उठाना और इसके दुष्प्रभावों को रोकने के लिए जागरूकता फैलाना था।
निष्कर्ष
मिशन शक्ति फेज-05 के तहत आयोजित यह कार्यक्रम नशा मुक्ति के प्रति समाज को जागरूक करने की दिशा में एक सराहनीय पहल थी। इसमें न केवल सरकारी विभागों और विश्वविद्यालय प्रशासन ने बल्कि सामाजिक संगठनों और विद्यार्थियों ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया। इस तरह के कार्यक्रमों के माध्यम से नशा मुक्त समाज के निर्माण का लक्ष्य अवश्य ही पूरा होगा।