कल्याण सिंह के नाम पर जिले की मांग
कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने डिबाई क्षेत्र के विकास और कल्याण सिंह जी के योगदान को याद करते हुए यह संकल्प लिया कि डिबाई, शिकारपुर, अनूपशहर, और तहसील डिबाई को मिलाकर एक नया जिला बनाया जाए और उसका नाम ‘कल्याण सिंह नगर’ रखा जाए। संगठन ने घोषणा की कि जब तक यह मांग पूरी नहीं होगी, तब तक वे निरंतर इस विषय पर आवाज उठाते रहेंगे।
संगठन के अध्यक्ष विजेंद्र सिंह धनगर ने कहा, “श्रद्धेय कल्याण सिंह जी ने अपने जीवन में जो आदर्श प्रस्तुत किए, वे हमारे लिए प्रेरणा स्रोत हैं। हम सभी का कर्तव्य बनता है कि उनकी स्मृति को अमर बनाए रखें। इसलिए संगठन ने तय किया है कि डिबाई को जिला बनवाने की मांग पूरी होने तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा।”
इस अवसर पर संगठन ने एक और महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए बताया कि 26 जनवरी से 10 फरवरी के बीच किसी एक दिन ‘शहीद सम्मान दिवस’ मनाया जाएगा। यह कार्यक्रम शहीदों के बलिदान को श्रद्धांजलि देने के उद्देश्य से आयोजित किया जाएगा। संगठन ने स्थानीय नागरिकों से भी इस कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर भाग लेने की अपील की।
संगठन के उपाध्यक्ष हरपाल सिंह लोधी ने कहा, “शहीदों के बलिदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता। हम एक दिन शहीदों के सम्मान में समर्पित करेंगे, ताकि नई पीढ़ी भी उनके आदर्शों को जान सके और उनसे प्रेरणा ले।”
उपस्थित पदाधिकारी और गणमान्य व्यक्ति
इस कार्यक्रम में संगठन के महासचिव अनिल कुमार तोमर, कोषाध्यक्ष हिम्मत सिंह लोधी, न्याय पंचायत अध्यक्ष रूप सिंह बघेल, पंचायत उपाध्यक्ष शंकर सिंह, पूर्व प्रधान बीपी सिंह, राजकुमार सिंह, सनी लोधी, हरवीर सिंह, सत्यवीर सिंह, अनिल शर्मा, बलवीर सिंह, केहर सिंह आदि उपस्थित रहे। सभी पदाधिकारियों ने एक स्वर में यह बात कही कि संगठन द्वारा घोषित दोनों मुख्य मांगों को लेकर क्षेत्र में व्यापक जनजागरण अभियान चलाया जाएगा।
कार्यक्रम का समापन रामवीर सिंह द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। उन्होंने सभी उपस्थित लोगों को उनके सहयोग के लिए धन्यवाद दिया और भविष्य में भी ऐसे आयोजनों में सक्रिय भागीदारी की अपील की।
अवाम विकास मंच का यह कार्यक्रम कल्याण सिंह जी की स्मृति को जीवित रखने के साथ-साथ क्षेत्र के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की दिशा में एक मजबूत कदम है। संगठन ने साफ कर दिया है कि डिबाई को जिला बनाने की मांग पूरी होने तक वह लगातार अपनी आवाज बुलंद करता रहेगा। साथ ही, शहीदों के सम्मान में आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रम से क्षेत्र में देशभक्ति की भावना को और अधिक प्रबल करने की उम्मीद है।
संगठन की इस पहल को लेकर स्थानीय लोगों में भी उत्साह देखा जा रहा है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मांग पर क्या रुख अपनाता है।