चंद सेकेंड में मौसम की सटीक जानकारी उपलब्ध कराएगा ये गुब्बारा। वीसी ने आसमान में उड़ाकर किया शुभारंभ।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की वीसी और इसरो के वैज्ञानिकों के साथ आज एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है।
अब मौसम की सटीक जानकारी चंद मिनटों में हासिल की जा सकेगी। जानिए कैसे।
चंद सेकिंड में मौसम की सटीक जानकारी उपलब्ध कराएगा ये गुब्बारा। वीसी ने आसमान में उड़ाकर किया शुभारंभ।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने इसरो वैज्ञानिकों की मदद से एक ऐसा गुब्बारा तैयार किया है जो सेंसर के द्वारा मौसम की पूरी जानकारी उपलब्ध कराएगा।
इस गुब्बारे के जरिए यह बताया जा सकेगा कि मौसम विभाग में किस तरह का बदलाव चल रहा है और मौसम किस ओर करवट लेने जा रहा है।
इसकी सटीक जानकारी अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में मौजूद कम्प्यूटर के द्वारा लगाई जा सकती है।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की वीसी नईमा खातून ने गुब्बारे को आसमान में छोड़ने के बाद पूरी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पहले दैवीय आपदाओं से तमाम तरह की घटनाएं सामने आई थीं, जिससे कई लोग मौत के आगोश में समा जाते थे।
लेकिन अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय हर रोज नई इबारत लिख रहा है। आज भी एक सफल प्रयोग अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की ओर से किया गया है,
जिसमें एक गुब्बारे को आसमान में छोड़ा गया है। यह गुब्बारा आसमान में प्रत्येक सेकंड के बदलाव की पूरी जानकारी सेंसर के जरिए उपलब्ध कराएगा।
इस परियोजना की तैयारी अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के द्वारा कई दिनों से की जा रही थी और आज इसका सफल परीक्षण किया जा चुका है। इसमें इसरो का पूरा सहयोग मिला है।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के द्वारा किए गए इस प्रयोग को लेकर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जूलॉजी डिपार्टमेंट को बधाई दी गई है।
इसरो के वैज्ञानिकों ने बताया कि यह गुब्बारा आसमान में 35 किलोमीटर की ऊंचाई पर उड़ान भरेगा। जब-जब इसकी गैस कम होगी, यह गुब्बारा उतनी तेजी से ऊपर बढ़ता चला जाएगा और मौसम की पूरी जानकारी उपलब्ध कराएगा।
यह गुब्बारा कई दिनों तक आसमान में उड़ सकता है और मौसम की पूरी जानकारी इस गुब्बारे के द्वारा दी जा सकती है। आसमान में गुब्बारे को छोड़ने के बाद ही चंद सेकंड में मौसम के बदलाव को देखा जा सकता है।
इस मौके पर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की वीसी नईमा खातून, इसरो के वैज्ञानिक डॉ. जगवीर सिंह, प्रोफेसर निजामुद्दीन खान, प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर प्रोफेसर अतीक अहमद, प्रोफेसर डॉ. अहमद मुजतबा और अन्य लोग मौजूद रहे।