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वक्फ संशोधन बिल पर चर्चा: मुस्लिम संगठनों ने जेपीसी अध्यक्ष से की मुलाकात

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नई दिल्ली, 23 नवंबर (रिपोर्ट: रजनी रावत :

वक्फ संशोधन बिल को लेकर आज राजधानी में एक अहम बैठक आयोजित हुई, जिसमें देशभर के विभिन्न संगठनों के लगभग 40 प्रतिनिधियों ने संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के अध्यक्ष, सांसद माननीय जगदंबिका पाल से मुलाकात की। इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व सूफी संत मलंग मुस्लिम राष्ट्र मंच के सरपरस्त इंद्रेश कुमार और राष्ट्रीय संयोजक कल्लू अंसारी ने किया।

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बैठक में शामिल संगठनों में कलम की ताकत पत्रकार महासंगठन, रंगरेज फाउंडेशन, गुलशन पब्लिक समिति, अंजुमन इस्लामिया समिति, यूनियन पत्रकार महासंगठन सहित अन्य प्रमुख तंजीमें शामिल रहीं। सभी प्रतिनिधियों ने अपने-अपने मेमोरेंडम के जरिए वक्फ संशोधन बिल के तहत प्रबंधन में सुधार और वंचित वर्गों के लिए प्रभावी नीतियों की मांग रखी।

सच्चर कमेटी की रिपोर्ट का हवाला:

प्रतिनिधियों ने सच्चर कमेटी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि मुस्लिम समाज की स्थिति अनुसूचित जातियों से भी बदतर है। शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, आर्थिक हालात, और सामाजिक पिछड़ापन जैसे मुद्दों पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। वृद्ध, विधवा, तलाकशुदा महिलाएं और यतीम बच्चों के लिए भी वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का सही इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है।

वक्फ संपत्तियों का दुरुपयोग:

प्रतिनिधियों ने यह भी बताया कि भारत में रेलवे और मिलिट्री के बाद वक्फ बोर्ड तीसरी सबसे बड़ी संपत्ति का मालिक है। लेकिन, इसके प्रबंधन में लापरवाही और भ्रष्टाचार के चलते इसका फायदा उन गरीब और वंचित वर्गों तक नहीं पहुंच पा रहा, जिनके लिए इस्लाम में वक्फ की व्यवस्था की गई थी। भू-माफियाओं और प्रबंधन की अनियमितताओं ने इन संपत्तियों का दुरुपयोग बढ़ा दिया है।

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प्रधानमंत्री से अपील:

प्रतिनिधियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि वक्फ संशोधन बिल में प्रबंधन सुधार लाए जाएं और वक्फ संपत्तियों का उपयोग गरीबों के कल्याण, बच्चों की शिक्षा, महिलाओं के स्वास्थ्य और मुस्लिम समाज को सशक्त बनाने में किया जाए।

उल्लेखनीय भागीदारी:

इस अवसर पर कलम की ताकत पत्रकार महासंगठन के अध्यक्ष कुंवर आरिफ मोहम्मद खान, गुलशन पब्लिक स्कूल समिति की उप-प्रबंधक अंजुम अंसारी, रंगरेज फाउंडेशन के अध्यक्ष फारूक साहब, अंजुमन इस्लामिया समिति के गौस मोहम्मद, नजीर अंसारी, बी.के. चौधरी, नुरुल हुदा, निजामुद्दीन और अन्य प्रतिनिधि मौजूद रहे। सभी ने वक्फ संपत्तियों के सही उपयोग और समाज को आत्मनिर्भर बनाने के लिए वक्फ संशोधन बिल के समर्थन की बात कही।

निष्कर्ष:

इस मुलाकात से स्पष्ट है कि वक्फ संशोधन बिल को लेकर मुस्लिम संगठनों में बड़ा समर्थन है। अब यह देखना होगा कि सरकार और संसद इस दिशा में कितनी गंभीरता से कदम उठाते हैं।

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