गाजियाबाद में बांग्लादेशी मजदूरों की झुग्गियों में हुई हालिया हिंसा के मुख्य आरोपी, हिंदू रक्षा दल के संस्थापक पिंकी चौधरी को आखिरकार गाजियाबाद पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है। पिंकी चौधरी, जिसका असली नाम भूपेंद्र शर्मा है, अपनी उग्र हिंदुत्ववादी विचारधारा और साम्प्रदायिक घटनाओं के कारण पहले भी कई बार चर्चा में आ चुका है। गाजियाबाद के विभिन्न थानों में उसके खिलाफ 12 से अधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें से कई गंभीर अपराध जैसे गैंगस्टर और गुंडा एक्ट के अंतर्गत आते हैं।
कौन है पिंकी चौधरी
पिंकी चौधरी का असली नाम भूपेंद्र शर्मा है, लेकिन वह अपने समर्थकों और राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के बीच पिंकी भैया के नाम से जाना जाता है। उसकी गतिविधियाँ अक्सर विवादित रही हैं और साम्प्रदायिक तनाव पैदा करने के इर्द-गिर्द घूमती हैं।
हिंसा की नई कड़ी: बांग्लादेशी मजदूरों पर हमला
हाल ही में, पिंकी चौधरी ने गाजियाबाद की एक बस्ती में बांग्लादेशी मजदूरों की झुग्गियों पर हमला किया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें पिंकी चौधरी और उसके समर्थक लोगों को लाठियों से पीटते हुए और झुग्गियों को तहस-नहस करते हुए दिख रहे हैं। इस वीडियो के बाद पुलिस ने उसे गिरफ़्तार किया, लेकिन यह पहली बार नहीं था जब पिंकी चौधरी ने इस तरह की हिंसा में भाग लिया हो।
पुलिस की ढीली कार्रवाई और सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो
घटना के बाद पिंकी चौधरी का वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया था, जिसमें उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार 24 घंटे के भीतर बंद नहीं हुए, तो वह भारत में बांग्लादेशियों को निशाना बनाएगा। पुलिस ने पहले इस वीडियो को नज़रअंदाज़ किया, लेकिन वीडियो के वायरल होने के बाद अंततः कार्रवाई की और पिंकी चौधरी के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगाने की तैयारी शुरू कर दी।
पुराना इतिहास: 2013 से सक्रिय, दिल्ली में भी दर्ज हैं मुकदमे
पिंकी चौधरी ने 2013 में हिंदू रक्षा दल की स्थापना की थी। अपने संगठन के माध्यम से उसने एक लाख से अधिक समर्थक जुटा लिए थे, जिनमें से अधिकतर दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र से थे। पिंकी की बदनामी तब शुरू हुई जब उसने 2014 में आम आदमी पार्टी के कौशांबी स्थित कार्यालय पर हमला किया। इसके बाद, उसने दिल्ली के जंतर-मंतर पर सांप्रदायिक भाषण दिए और जेएनयू के छात्रों पर हमला किया, जिसे कम्युनिस्ट करार दिया था। इन सभी घटनाओं के बाद, पिंकी चौधरी को दिल्ली पुलिस ने गिरफ़्तार किया था।
गाजियाबाद में बढ़ती आपराधिक गतिविधियाँ
गाजियाबाद में पिंकी चौधरी के खिलाफ छह मामले साहिबाबाद थाने में दर्ज हैं, जबकि अन्य मुकदमे कविनगर, टीलामोड़, नंदग्राम, मसूरी और शालीमार गार्डन थानों में हैं। उसके खिलाफ गैंगस्टर और गुंडा एक्ट के तहत भी मामले चल रहे हैं। 6 अक्टूबर 2023 से उसकी हिस्ट्रीशीट भी खुली हुई है, लेकिन इसके बावजूद उसकी आपराधिक गतिविधियाँ लगातार जारी रहीं।
गिरफ्तारी के बाद समर्थकों का हंगामा
पिंकी चौधरी की गिरफ्तारी के बाद उसके समर्थकों ने मधुबन बापूधाम थाने के बाहर हंगामा किया। इस दौरान पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा, लेकिन हंगामा करने वालों को खदेड़ दिया गया।
आगे की कार्रवाई
गाजियाबाद पुलिस अब पिंकी चौधरी के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लगाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ा रही है। पुलिस का मानना है कि उसके कृत्य से समाज में साम्प्रदायिक तनाव फैल सकता है, इसलिए इस कठोर कानून के तहत उसकी गिरफ्तारी महत्वपूर्ण है।
यह देखना दिलचस्प होगा कि पिंकी चौधरी के खिलाफ इस बार क्या कार्रवाई होती है, क्योंकि उसकी गतिविधियों ने पहले से ही समाज में काफी अस्थिरता पैदा कर दी है।
पुलिस की यह कार्रवाई न केवल उसके लिए एक सबक साबित होगी, बल्कि उन सभी लोगों के लिए भी एक चेतावनी होगी जो साम्प्रदायिकता को बढ़ावा देते हैं।
संवाददाता : दैनिक छटी आंख समाचार”