
अलीगढ़ इंग्लिश स्कूल में 22 फरवरी 2025 को मदर मीट का भव्य आयोजन किया गया। इस विशेष अवसर पर माताओं की भूमिका, शिक्षा, आध्यात्मिकता और समाज में महिलाओं के योगदान को केंद्र में रखते हुए कई प्रेरणादायक प्रस्तुतियां दी गईं। कार्यक्रम की भव्य मेजबानी स्कूल प्रशासन ने की, जिसमें शिक्षकों, छात्रों और अभिभावकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। यह आयोजन छात्रों और माताओं के बीच के संबंधों को मजबूत करने और समाज में माताओं की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करने के लिए आयोजित किया गया था।
कार्यक्रम की आध्यात्मिक शुरुआत
कार्यक्रम की शुरुआत सूरह यासीन के पाठ से हुई, जिससे माहौल आध्यात्मिकता से भर गया। इस पाठ ने सभी उपस्थितजनों के मन को शांति और सुकून प्रदान किया। इसके बाद विद्यालय के शिक्षक श्री तौसीफ द्वारा मधुर नात पेश की गई, जिसने सभी श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। नात के अलौकिक शब्दों और भावनात्मक प्रस्तुति ने पूरे सभागार में एक विशेष ऊर्जा का संचार किया। इसके पश्चात मौलाना फरीद नदवी और श्रीमती नजमा ने अपने विचार प्रस्तुत किए, जिनकी उपस्थिति ने इस कार्यक्रम को और अधिक गरिमामय बना दिया।

मदर मीट में कई सम्मानित अतिथियों ने शिरकत की, जिनमें प्रमुख रूप से मौलाना फरीद, मौलाना महफूज उर रहमान और अन्य विद्वान शामिल थे। उन्होंने मातृत्व, आध्यात्मिकता और रमजान की तैयारियों पर अपने विचार प्रस्तुत किए। उनके व्याख्यान में निम्नलिखित विषयों को प्रमुखता दी गई:
मां की भूमिका: बच्चों के नैतिक और सामाजिक विकास में एक मां की अहमियत और उसकी शिक्षाओं का प्रभाव।
आध्यात्मिक चेतना: धर्म और आध्यात्मिकता को दैनिक जीवन में अपनाने के महत्व पर प्रकाश डाला गया।
रमजान की तैयारी: इस पवित्र महीने के धार्मिक और सामाजिक पहलुओं की व्याख्या की गई।
अतिथियों ने माताओं को बच्चों की शिक्षा और उनके चरित्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि एक मां ही बच्चे की पहली शिक्षक होती है, इसलिए उन्हें बच्चों के मन में नैतिकता और धार्मिकता की भावना विकसित करनी चाहिए।
छात्रों की शानदार प्रस्तुति
कार्यक्रम के दौरान अलीगढ़ इंग्लिश स्कूल के छात्रों ने एक शानदार नाटक प्रस्तुत किया, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा। इस नाटक में जीवन मूल्यों, पारिवारिक एकता और समाज में महिलाओं की भूमिका पर प्रकाश डाला गया। नाटक की विषयवस्तु ने उपस्थित अभिभावकों और शिक्षकों को गहराई से प्रभावित किया। छात्रों ने अपनी अद्भुत अभिनय प्रतिभा से सभी का मन मोह लिया और इस आयोजन को यादगार बना दिया।
इस नाटक में यह संदेश दिया गया कि मां सिर्फ एक देखभाल करने वाली ही नहीं, बल्कि बच्चों की सबसे महत्वपूर्ण मार्गदर्शक भी होती है। उन्होंने बताया कि एक मां की शिक्षा कैसे समाज में बदलाव ला सकती है और अगली पीढ़ी को एक बेहतर नागरिक बना सकती है।
शिक्षकों और कर्मचारियों का अथक परिश्रम
विद्यालय के शिक्षकों और कर्मचारियों ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए कड़ी मेहनत की। उनकी संगठित योजना और समर्पण ने इस आयोजन को एक उत्कृष्ट अनुभव में बदल दिया। स्कूल के प्रबंधन ने सुनिश्चित किया कि हर गतिविधि सुचारू रूप से संपन्न हो और अभिभावकों को एक प्रेरणादायक वातावरण मिले।
विशेष रूप से आदरणीय रूमी मैडम को उनकी भावनात्मक दुआ के लिए धन्यवाद दिया गया, जिसने इस कार्यक्रम को एक मार्मिक और प्रेरणादायक समापन दिया। उनकी दुआ ने पूरे सभागार में एक सकारात्मक ऊर्जा भर दी और सभी उपस्थितजनों को एकता और सहयोग की भावना से भर दिया।
छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों की उत्साहपूर्ण भागीदारी
अलीगढ़ इंग्लिश स्कूल में आयोजित यह मदर मीट सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक और सामाजिक उत्सव था, जिसने सभी को शिक्षा, मातृत्व और आध्यात्मिकता के प्रति जागरूक किया। इस आयोजन में छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों की उत्साहपूर्ण भागीदारी ने इसे एक ऐतिहासिक सफलता बना दिया।
अभिभावकों ने इस कार्यक्रम की सराहना की और इसे एक बेहतरीन पहल बताया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन न केवल छात्रों के आत्मविश्वास को बढ़ाते हैं, बल्कि उन्हें नैतिक मूल्यों से भी जोड़ते हैं।
विद्यालय प्रशासन ने इस आयोजन को सफल बनाने में योगदान देने वाले सभी व्यक्तियों का धन्यवाद किया और भविष्य में भी ऐसे आयोजन करने की प्रतिबद्धता जताई।
निष्कर्ष
मदर मीट 2025 केवल एक साधारण कार्यक्रम नहीं था, बल्कि यह एक महत्वपूर्ण सामाजिक और शैक्षिक पहल थी, जिसने माता-पिता और बच्चों के बीच बेहतर संवाद को बढ़ावा दिया। कार्यक्रम के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि बच्चों के चरित्र निर्माण में माताओं की भूमिका कितनी अहम होती है और उनके मार्गदर्शन से ही समाज में सकारात्मक बदलाव आ सकता है।
विद्यालय ने इस अवसर का उपयोग करके माता-पिता को शिक्षित किया कि वे अपने बच्चों को किस प्रकार से सही दिशा में ले जा सकते हैं। यह कार्यक्रम भविष्य में भी समाज में जागरूकता फैलाने का एक उदाहरण बनेगा।
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