अलीगढ़: हज की मुबारक यात्रा के इरादे से जब कोई आज़मीन हज कमेटी ऑफ इंडिया की गाइडलाइंस के तहत ऑनलाइन आवेदन करता है, तो उसके ज़हन में कई सवालात पैदा होते हैं। सिलेक्शन की जानकारी कब मिलेगी? हज के लिए कितनी रकम, कैसे और कब जमा करनी होगी? पहली किस्त जमा करने में देरी होने पर क्या तिथि बढ़ सकती है? इसके अलावा, हज के लिए जरूरी जानकारियों के लिए पहले हज कर चुके हजरात, खिदमतगार ए हज (खादिमुल हुज्जाज) और हज ट्रेनर्स से राब्ता करना आम हो जाता है।
राष्ट्रीय सचिव खुद्दाम ए हज समिति और पूर्व असिस्टेंट हज ऑफिसर, अब्दुल समद ने हज के सफर को आसान बनाने के लिए कुछ अहम पहलुओं पर रोशनी डाली है। उन्होंने कहा कि आज़मीन ए हज को हज और उमरा से जुड़ी तमाम तैयारी पहले से पूरी कर लेनी चाहिए।
1. फिटनेस और नमाज़ की पाबंदी:
हज के दौरान लंबी दूरी पैदल तय करनी होती है। हर आज़मीन को रोज़ाना कम से कम 2 किलोमीटर पैदल चलने की आदत डालनी चाहिए। नमाज़ की पाबंदी करें और नमाज़-ए-जनाज़ा की दुआ याद करें।
2. बुजुर्ग आज़मीन के लिए व्हीलचेयर:
व्हीलचेयर के इस्तेमाल की जानकारी होनी चाहिए। यह एयरलाइंस के कुल लगेज में शामिल नहीं होती। सऊदी अरब में हर ब्रांच पर व्हीलचेयर फ्री में उपलब्ध होती है, लेकिन इसके लिए 200-300 सऊदी रियाल जमा करने होते हैं, जो वापसी पर वापस मिल जाते हैं।
3. उमरा और हज की जानकारी:
उमरा के फराइज, वाजिबात, और सुन्नतों की पूरी जानकारी हासिल करें। उस उमरा के बारे में भी जानें जिसका सवाब एक हज के बराबर होता है।
4. सऊदी रियाल का इंतजाम:
सऊदी रियाल कहां और कैसे हासिल करना है, इसकी तैयारी पहले से करें।
5. संचार साधनों की समझ:
हज के दौरान मोबाइल का सही इस्तेमाल बेहद अहम है। इंडिया से सऊदी पहुंचने पर सिम बदलने की जानकारी न होने के कारण बुजुर्ग आज़मीन घर वालों से संपर्क नहीं कर पाते, जिससे चिंता बढ़ती है। घर वाले पहले से उन्हें मोबाइल और सिम बदलने की ट्रेनिंग दें।
6. हज से जुड़े ऐप्स का इस्तेमाल:
हज ऐप, इमो, व्हाट्सएप, नुसुक और सुविधा ऐप जैसे डिजिटल टूल्स के इस्तेमाल की जानकारी जरूरी है। इससे हज के दौरान कई परेशानियों से राहत मिल सकती है।
7. तरबियती कैंप और वैक्सीनेशन:
हज तरबियती कैंप में भाग लें और हज कमेटी की गाइडलाइंस के अनुसार वैक्सीनेशन की प्रक्रिया पूरी करें।
जानकारी के स्त्रोत:
अब्दुल समद, डॉ. शरीक अकील, हाजी तालिब सुभानी, मास्टर अब्दुल हफीज अंसारी और हज ट्रेनर मौलाना आलम मुस्तफा याकूबी समेत कई विशेषज्ञ आज़मीन ए हज की मदद के लिए सक्रिय हैं। इनके द्वारा दी गई जानकारियां वीडियो के माध्यम से भी उपलब्ध हैं।
राष्ट्रीय सचिव अब्दुल समद ने गुज़ारिश की है कि हज पर जाने वाले बुजुर्गों को मोबाइल और जरूरी तकनीकी ज्ञान जरूर सिखाएं। उन्होंने उम्मीद जताई कि अल्लाह सबके लिए हज का सफर आसान बनाएगा।