हज कमेटी ऑफ इंडिया ने चयनित जायरीन के लिए जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए हैं। चयनित जायरीन को अपनी पहली और दूसरी किस्त हज कमेटी के खाते में तय समय सीमा के अंदर जमा करनी होगी। पहली और दूसरी किस्त की कुल राशि ₹2,72,300 है। जो जायरीन पहले ही अपनी पहली किस्त जमा कर चुके हैं, उन्हें दूसरी किस्त ₹1,42,000 की राशि 30 दिसंबर 2024 तक जमा करनी होगी। राशि जमा करने के लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) या यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (UBI) का उपयोग किया जा सकता है। ऑनलाइन जमा करने का विकल्प भी उपलब्ध है।
वेटिंग लिस्ट के लिए उम्मीद बरकरार
वेटिंग लिस्ट में शामिल जायरीन को निराश होने की जरूरत नहीं है। हज कमेटी की प्रक्रिया के अनुसार, यदि किसी चयनित व्यक्ति के दस्तावेज़ अधूरे हैं या वे निर्धारित समय सीमा के भीतर राशि जमा नहीं करते हैं, तो वेटिंग लिस्ट में शामिल लोगों को मौका दिया जा सकता है।
जिन जायरीन का चयन हज कमेटी के माध्यम से नहीं हुआ है, वे प्राइवेट टूर ऑपरेटर के जरिए हज पर जाने की योजना बना सकते हैं। हालांकि, यह ध्यान रखना बेहद जरूरी है कि प्राइवेट टूर ऑपरेटर वही होना चाहिए, जिसे भारत के अल्पसंख्यक मंत्रालय द्वारा लाइसेंस प्राप्त हो।
हर साल अल्पसंख्यक मंत्रालय द्वारा रजिस्टर्ड प्राइवेट टूर ऑपरेटर की सूची जारी की जाती है। ये टूर ऑपरेटर सुरक्षित और व्यवस्थित हज यात्रा का भरोसा देते हैं। इस साल भी मंत्रालय की वेबसाइट पर ऐसे ऑपरेटरों की सूची उपलब्ध है। यात्रियों को किसी गैर-लाइसेंसी ऑपरेटर से बचने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इससे धोखाधड़ी की संभावना हो सकती है।
सऊदी सरकार की सख्ती
हज यात्रा के दौरान सऊदी सरकार के नियमों का पालन करना अनिवार्य है। पिछले साल देखा गया कि कुछ लोग वीजिट वीजा पर सऊदी अरब पहुंचकर हज करने का प्रयास कर रहे थे। सऊदी सरकार ने ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई की। कई लोगों को हज से वंचित होना पड़ा और उन्हें कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ा।
इसलिए, जो लोग हज यात्रा का इरादा रखते हैं, उन्हें वीजिट वीजा के जरिए हज यात्रा से बचने की सख्त हिदायत दी जाती है। यह सऊदी सरकार के कानून के खिलाफ है।
तैयारियों के सुझाव
हज यात्रा शारीरिक और मानसिक रूप से थकावट देने वाली हो सकती है। इसलिए, जायरीन को शारीरिक तैयारी पहले से शुरू कर देनी चाहिए। रोजाना 2-3 किलोमीटर पैदल चलने की आदत डालना बहुत जरूरी है, क्योंकि हज के दौरान अधिकांश अरकान पैदल ही पूरे किए जाते हैं।
इसके अलावा, पांच वक्त की नमाज की पाबंदी करें और हज के अरकान को समझने के लिए हज ट्रेनिंग सेशन्स में भाग लें। हज यात्रा के दौरान सभी नियमों और प्रक्रियाओं का पालन करना जरूरी है।
जायरीन अपनी यात्रा को आसान बनाने के लिए अनुभवी व्यक्तियों से संपर्क कर सकते हैं। पूर्व असिस्टेंट हज ऑफिसर और हज ट्रेनर अब्दुल समद (अलीगढ़) से परामर्श लिया जा सकता है। वे हज से संबंधित विस्तृत जानकारी और सुझाव उपलब्ध कराते हैं।
अल्लाह से दुआ
हज यात्रा इस्लाम धर्म के पांच स्तंभों में से एक है और एक महत्वपूर्ण धार्मिक कर्तव्य है। जो लोग हज पर जाने का सपना देख रहे हैं, उनके लिए अल्लाह से दुआ है कि उनकी मुश्किलों को आसान करे और उन्हें इस पुण्य कार्य को पूरा करने का मौका मिले।
आमीन।