पारस नाथ राय का इंटरव्यू: गाजीपुर सीट से बीजेपी उम्मीदवार ने दैनिक छटी आंख से की बातचीत, चुनौती और विकास समेत कई मुद्दों पर की चर्चा

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दैनिक छटी आंख संवाददाता, गाजीपुर।

गाजीपुर संसदीय सीट पर पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनावों में बीजेपी के कमल के मुरझाने के बाद, इस बार इसे खिलाने की जिम्मेदारी शिक्षक पारस नाथ राय (Paras Nath Rai) को सौंपी गई है। राय का कहना है कि बच्चों को पढ़ाते समय वह कभी भी कक्षा से अनुपस्थित नहीं रहे और यदि उन्हें मौका मिला तो वह संसद में भी पिछले सांसद की तरह गैरहाजिर नहीं रहेंगे। दैनिक छटी आंख के साथ उनकी बातचीत के प्रमुख अंश:

पहली बार सांसद का टिकट मिलने पर आपकी प्रतिक्रिया क्या है?

“यह सच है कि मैंने पहले कोई चुनाव नहीं लड़ा है, लेकिन मैंने संघ में विभिन्न दायित्वों का निर्वहन किया है। आज तक कोई ऐसा चुनाव नहीं है जिसे करीब से नहीं देखा हो। भाजपा का हर कार्यकर्ता मुझे जानता है। संगठन के बूते मैं पूरी मजबूती से चुनाव लड़ रहा हूं।”

अफजाल अंसारी जैसे अनुभवी राजनीतिज्ञ से मुकाबला कैसे कर रहे हैं?

“पांच बार विधायक और दो बार सांसद रहने वाले अफजल अंसारी का पहली बार मुझसे पाला पड़ा है। उनके भीतर पार्टी बदलने की कला है, कभी सपा तो कभी बसपा का पाला थामते हैं। मैं पूरी दमदारी के साथ मुकाबला कर रहा हूं और मुझे सफलता भी मिलेगी।”

जातिगत वोट बैंक के आधार पर चुनावी रणनीति क्या है?

“2019 के चुनाव में मनोज सिन्हा को 2014 के मुकाबले डेढ़ लाख वोट ज्यादा मिले थे, तब सपा-बसपा गठबंधन था। आज परिस्थिति बदली है, काफी संख्या में यादव मतदाता भाजपा से जुड़े हैं। सुभासपा मजबूती से हमारे साथ है। 2004 का चुनाव कैसे अफजाल अंसारी जीते थे, यह सबको पता है। तब सपा सरकार में जंगलराज था, आज योगी सरकार में कानून का राज है।”

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गाजीपुर जिले के विकास का आपका मॉडल क्या होगा?

“मनोज सिन्हा के विकास के मॉडल को आगे बढ़ाना ही प्राथमिकता होगी। अंधऊ हवाई पट्टी से हवाई सेवा शुरू होती तो आज लोगों को लाभ मिलता। हम उनके विकास कार्यों को आगे बढ़ाएंगे।”

आपकी जीत का आधार क्या है?

“हर समाज का समर्थन और भाजपा कार्यकर्ताओं की मेहनत से जीत मिलेगी। पिछले पांच साल में जनता ने सांसद का मुंह नहीं देखा, विकास कार्य रुक गए। जनता को मनोज सिन्हा की हार का मलाल रहा। लोग खुद कह रहे हैं कि इस बार पिछली गलतियां नहीं होंगी।”

निष्कर्ष

गाजीपुर संसदीय सीट पर पारस नाथ राय के नेतृत्व में बीजेपी एक नई उम्मीद लेकर आई है। राय का अनुभव और संगठनात्मक कौशल उन्हें इस चुनावी मुकाबले में मजबूत बनाता है। उनका स्पष्ट मानना है कि यदि उन्हें मौका मिलता है तो वे विकास के पहिये को फिर से गति देंगे और अपने क्षेत्र को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।

दैनिक छटी आंख समाचार पत्र की इस रिपोर्ट के माध्यम से राय की उम्मीदों और चुनावी रणनीतियों का एक विस्तृत दृष्टिकोण प्रस्तुत किया गया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि गाजीपुर के लोग इस बार किसे अपना प्रतिनिधि चुनते हैं और क्या बीजेपी का कमल फिर से खिलता है।

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