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मोबाइल फोन की लत से नींद की कमी: विशेषज्ञों ने जताई चिंता

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आज के डिजिटल युग में मोबाइल फोन की लत एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। “फियर ऑफ मिसिंग आउट” यानी आसपास की घटनाओं से चूक जाने का डर लोगों को लगातार मोबाइल फोन से चिपके रहने के लिए मजबूर कर रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस आदत के कारण सभी उम्र के लोगों में पर्याप्त नींद नहीं हो रही है। स्वस्थ जीवन के लिए 7-8 घंटे की नींद जरूरी है, लेकिन मोबाइल फोन का अत्यधिक उपयोग इसे मुश्किल बना रहा है।

मोबाइल फोन: नई पीढ़ी की बीमारी

बाल और किशोर मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. मारिया एंटनी ने कहा, “मोबाइल फोन का अत्यधिक उपयोग नई पीढ़ी के लिए एक बीमारी बन गया है। लोग स्मार्टफोन को मनोरंजन का एकमात्र साधन मानते हैं, लेकिन यह नींद के लिए बेहद हानिकारक है।” उन्होंने बताया कि नींद की कमी न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डालती है।

स्लीप हाइजीन का महत्व

रेस्पिरेटरी मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. एम. सतीश कुमार ने नींद की गुणवत्ता को सुधारने के लिए “स्लीप हाइजीन” का पालन करने की सलाह दी। उन्होंने कहा, “नींद के लिए एक निश्चित समय पर सोना और जागना बहुत महत्वपूर्ण है। बार-बार नींद से उठना और दिन में थकान महसूस करना ‘स्लीप फ्रैगमेंटेशन’ कहलाता है, जो तनाव को बढ़ाता है।” उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि लोग अपने सोने और जागने के समय का एक डायरी में रिकॉर्ड रखें।

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खर्राटे और ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया

पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. प्रिंस जेम्स ने खर्राटों को लेकर चिंता जताई। उन्होंने बताया कि खर्राटे, ऑक्सीजन के प्रवाह में बाधा के कारण होते हैं और यह अक्सर मोटापे के कारण होता है। यह स्थिति ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया का कारण बन सकती है, जो गंभीर हो सकती है। उन्होंने लोगों को वजन नियंत्रित रखने और समय पर इलाज कराने की सलाह दी।

बच्चों की नींद पर प्रभाव

ओटोराइनोलरिंजोलॉजिस्ट डॉ. मैरी कुरियन ने बताया कि बच्चों में खर्राटों के कई शारीरिक कारण हो सकते हैं, जो उनकी नींद को बाधित करते हैं। उन्होंने कहा कि कुछ मामलों में, ये समस्याएं उम्र के साथ ठीक हो जाती हैं, लेकिन गंभीर मामलों में चिकित्सकीय हस्तक्षेप की आवश्यकता होती है।

तनाव और डिजिटल लत का संबंध

पैनल चर्चा में यह बात भी उभरकर आई कि डिजिटल उपकरणों के अत्यधिक उपयोग से न केवल नींद, बल्कि मानसिक शांति भी प्रभावित हो रही है। लोग लगातार स्क्रीन देखने के कारण तनावग्रस्त हो रहे हैं, जो उनके संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

विशेषज्ञों की सलाह

1. मोबाइल फोन का सीमित उपयोग करें: सोने से पहले मोबाइल फोन का उपयोग न करें।

2. स्लीप हाइजीन अपनाएं: नियमित दिनचर्या बनाएं और समय पर सोने की आदत डालें।

3. खर्राटों की जांच कराएं: यदि खर्राटे लगातार आ रहे हैं, तो विशेषज्ञ से परामर्श लें।

4. तनाव को कम करें: मानसिक शांति के लिए ध्यान और योग का अभ्यास करें।

निष्कर्ष

विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि मोबाइल फोन की लत और नींद की कमी एक गंभीर स्वास्थ्य संकट बन सकती है। इसे रोकने के लिए लोगों को अपनी डिजिटल आदतों को नियंत्रित करना होगा और अच्छी नींद की आदतों को अपनाना होगा। स्वस्थ नींद न केवल मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी है, बल्कि यह जीवन की गुणवत्ता को भी बढ़ाती है।

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