अन्तर्राष्ट्रीय विकलांगता दिवस के अवसर पर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के डिस्ऐबिलिटी यूनिट तथा अहमदी नेत्रहीन स्कूल में कार्यक्रम आयोजित किए गए।
विश्वविद्यालय की विकलांगता इकाई द्वारा विकलांग छात्रों के कल्याण को बढ़ावा देने और लोगों को उनकी सामाजिक-राजनीतिक और आर्थिक प्रगति के लिए संवेदनशील बनाने के लिए 200 से अधिक छात्रों और स्वयंसेवकों के साथ एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन यूनिवर्सिटी पालीटेक्निक सभागर में किया गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि, एएमयू के कुलपति, प्रो. मोहम्मद गुलरेज ने विकलांग छात्रों के लिए बेहतर सुविधाओं की आवश्यकता पर बल दिया और उनके लिए बेहतरी के विश्वविद्यालय द्वारा किये गये विभिन्न प्रावधानों का उल्लेख करते हुए उन्हें बेहतर सुविधाएं और माहौल देने का आश्वासन दिया।
बाद में, प्रोफेसर गुलरेज ने मानद अतिथियों, डीन छात्र कल्याण प्रोफेसर अब्दुल अलीम, और प्रशिक्षण और प्लेसमेंट अधिकारी श्री साद हमीद के साथ, 33 पीडब्ल्यूडी छात्रों को व्हीलचेयर, ट्राइसाइकिल, स्मार्ट स्टिक, श्रवण यंत्र, रिकॉर्डर, हेडफोन आदि वितरित किए।
वीएम हॉल के प्रोवोस्ट, डॉ. अब्दुस समद ने उपकरण के वितरण में सहायता प्रदान की।
प्रोफेसर अब्दुल अलीम ने विकलांगता इकाई की सेवाओं की सराहना की और उन के लिए उपलब्ध छात्रवृत्ति पर प्रकाश डाला।
श्री साद हमीद ने पीडब्ल्यूडी छात्रों से करियर के अवसरों की बेहतर समझ के लिए करियर परामर्श सत्र में भाग लेने का आग्रह किया। उन्होंने उनके भविष्य के करियर प्रयासों में उन्हें हर तरह की मदद और सहयोग देने का आश्वासन दिया, जिसमें व्यक्तित्व विकास के लिए पांच दिवसीय कार्यशाला और शीघ्र ही एक नौकरी मेला का आयोजन भी शामिल है।
इससे पूर्व, इकाई के समन्वयक इतिहास विभाग के प्रो मानवेंद्र कुमार पुंढीर ने अतिथियों का स्वागत करते हुए विकलांगता दिवस मनाने के महत्व पर प्रकाश डाला और आरक्षण रोस्टर संशोधन और उन्नयन, समान अवसर के गठन नीति, एक शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति और एक शिकायत निवारण समिति का गठन सहित विकलांगता इकाई की उपलब्धियों की एक रिपोर्ट प्रस्तुत की।
छात्र स्वयंसेवकों, राहुल उपाध्याय और माधिया निहार ने कार्यक्रम का संचालन किया, जबकि विकलांगता इकाई की परामर्शदाता डॉ. शगुफ्ता नियाजी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
अतिथि वक्ता, डॉ. नगमा अजहर (वाणिज्य विभाग) ने शारीरिक रूप से अक्षम छात्रों के सामने आने वाली समस्याओं और चुनौतियों और उनके समाधान के लिए तरीकों और साधनों के बारे में विस्तार से बात की।
उन्होंने पीडब्ल्यूडी छात्रों से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ खुद को सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित करने और अपनी विकलांगताओं की परवाह किए बिना अपनी पढ़ाई में उत्कृष्टता हासिल करने के लिए सभी प्रयास करने का आग्रह किया। विद्यार्थियों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया और उपहार प्राप्त किये।
स्कूल की प्रिन्सिपल डॉ. नायला राशिद ने छात्रों से कहा कि वह अपने भीतर आत्म विश्वास की भावना को मजबूत बनाये और अपने को दिव्यांग न समझें क्योंकि वह सकारात्मक विचारों की मदद से कुछ भी हासिल कर सकते हैं।
छात्रों ने इस दिन के उपलक्ष्य में आयोजित कबड्डी और डॉग एंड द बोन जैसे खेल आयोजनों में भाग लिया।