छटी आंख संवाददाता, गाजीपुर
प्रयागराज, जौनपुर और आजमगढ़ के बाद सोमवार को गाजीपुर और चंदौली में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के कार्यक्रम में भीड़ बेकाबू हो गई। चिलचिलाती धूप और पसीने से तरबतर युवाओं ने अखिलेश यादव की झलक पाने के लिए पंडाल के खंभे, टंकी और रेलिंग पर चढ़ना शुरू कर दिया। सुरक्षा व्यवस्था के तहत लगाई गई लोहे की रेलिंग गिरा दी गई और दर्जनों कुर्सियां तोड़ दी गईं। पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने में असफल रही और तमाशबीन बनी रही।
कार्यक्रम में भीड़ बेकाबू:
1. प्रयागराज, जौनपुर और आजमगढ़ के बाद गाजीपुर और चंदौली में भी अखिलेश यादव के कार्यक्रम में भारी भीड़ उमड़ी। युवाओं ने पंडाल के खंभे, टंकी और रेलिंग पर चढ़कर अखिलेश की झलक पाने की कोशिश की।
2. सुरक्षा व्यवस्था ध्वस्त: सुरक्षा के लिए लगाई गई लोहे की रेलिंग को गिरा दिया गया और कई कुर्सियों को तोड़ दिया गया। पुलिस की मौजूदगी के बावजूद कार्यकर्ताओं का हुजूम अनियंत्रित रहा।
3. नारेबाजी और अव्यवस्था: अखिलेश के आते ही उत्साही युवाओं ने नारेबाजी शुरू कर दी। कुछ कार्यकर्ताओं ने मंच की ओर बढ़ने की कोशिश की, लेकिन बैरिकेडिंग के चलते वे मंच तक नहीं पहुंच सके। इसके बावजूद कई समर्थक मीडिया गैलरी, टेंट के खंभे और पानी की टंकी पर चढ़ गए।
4. नेताओं की अपील असफल: सपा नेता लोगों से टंकी और खंभे से उतरने की अपील कर रहे थे, लेकिन भीड़ पर इसका कोई असर नहीं हुआ। भीड़ में शामिल युवाओं के बोझ से कई कुर्सियां टूट गईं।
गोपाल यादव, जिलाध्यक्ष सपा, गाजीपुर
“कार्यकर्ताओं की भीड़ अपने नेता को सुनने और देखने के लिए आतुर थी। भीड़ में कुछ कुर्सियां टूट गई होंगी, लेकिन यह दीवानगी का प्रतीक है।”
भानुप्रताप सिंह, पूर्व जिलाध्यक्ष, भाजपा, गाजीपुर
“अखिलेश की जनसभा में हर जगह हंगामा हो रहा है। जनता सपा नेताओं और कार्यकर्ताओं का असली चेहरा देख रही है। यह घटनाएं बताती हैं कि इंडी गठबंधन की सरकार बनने पर सपाइयों का उपद्रव झेलना पड़ेगा।”
इस घटनाक्रम से सपा की छवि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। दूसरी पार्टी के अनुशासित कार्यकर्ताओं से तुलना करते हुए लोग सपा कार्यकर्ताओं के व्यवहार की आलोचना कर रहे हैं।
इस पूरे घटनाक्रम ने सुरक्षा व्यवस्था और राजनीतिक सभाओं के संचालन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।