अवैध अस्पतालों और एंबुलेंस सेवाओं की हकीकत
अलीगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं की दुर्व्यवस्था लंबे समय से चर्चा का विषय बनी हुई है। जेएन मेडिकल कॉलेज और सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को निजी अस्पतालों तक पहुंचाने के लिए अवैध तरीके अपनाए जाते हैं। ऐसे मरीजों और उनके परिजनों से मनमानी कीमत वसूली जाती है।
स्वास्थ्य विभाग समय-समय पर कार्रवाई के दावे करता है, लेकिन ये कार्रवाई ज्यादातर नोटिस देने तक ही सीमित रह जाती है। इसके परिणामस्वरूप अवैध अस्पताल और बिना अनुमति चल रही एंबुलेंस सेवाएं बेलगाम हो चुकी हैं।
बिना पंजीकरण दौड़ रहीं एंबुलेंस
संभागीय परिवहन विभाग में पंजीकृत एंबुलेंस के अलावा, बड़ी संख्या में बिना अनुमति एंबुलेंस सेवाएं संचालित हो रही हैं। ये एंबुलेंस मरीजों को लाने-ले जाने के नाम पर भारी शुल्क वसूलती हैं। ये केवल मरीजों की जेब पर बोझ नहीं डाल रहीं, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं की पारदर्शिता और विश्वसनीयता को भी नुकसान पहुंचा रही हैं।
सांसद सतीश गौतम का सख्त रुख
सांसद सतीश गौतम ने कहा कि अब इन अवैध गतिविधियों पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) के संरक्षण में कई अवैध अस्पताल चल रहे हैं। सांसद ने प्रशासन से अपेक्षा की है कि इन गतिविधियों को रोकने के लिए त्वरित और ठोस कदम उठाए जाएं।
सांसद गौतम ने कहा, “स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार लाने के लिए अवैध अस्पतालों और एंबुलेंस सेवाओं पर लगाम लगाना आवश्यक है। सख्त कार्रवाई न केवल स्वास्थ्य सेवाओं को पारदर्शी बनाएगी, बल्कि मरीजों और उनके परिजनों को आर्थिक और मानसिक शोषण से भी बचाएगी।”
स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन के लिए यह एक गंभीर चुनौती है। विभाग समय-समय पर छापेमारी करता है, लेकिन यह कदम स्थायी समाधान देने में असफल रहा है। अवैध अस्पताल अक्सर प्रशासनिक कार्रवाई के बाद फिर से चालू हो जाते हैं।
इस समस्या को लेकर आम जनता और सामाजिक संगठनों ने भी आवाज उठाई है। उनका कहना है कि प्रशासन को केवल नोटिस देने के बजाय इन अवैध संस्थानों के लाइसेंस रद्द करने और उन्हें बंद कराने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।
स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की उम्मीद
सांसद के बयान के बाद यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग कितनी तत्परता से कार्रवाई करते हैं। अवैध अस्पतालों और एंबुलेंस सेवाओं पर सख्त कार्रवाई से न केवल स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार आएगा, बल्कि जनता का प्रशासन और सरकार पर विश्वास भी बढ़ेगा।
निष्कर्ष
स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता और प्रभावशीलता सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन को ठोस और दीर्घकालिक समाधान पर काम करना होगा। सांसद सतीश गौतम के इस बयान से जनता को उम्मीद है कि अब अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगेगा और शहर की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा। प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि कार्रवाई सिर्फ बयानबाजी तक सीमित न रहे, बल्कि जमीन पर भी दिखाई दे।