प्रियंका गांधी के बैग पर विवाद:
प्रियंका गांधी वाड्रा का बैग, जिस पर ‘पैलेस्टाइन’ लिखा हुआ था, लगातार चर्चा का विषय बना हुआ है। कल गोदी मीडिया और भाजपा ने इसे लेकर सवाल खड़े किए थे और अब इसे लेकर नए विवाद खड़े हो गए हैं। प्रियंका गांधी ने आज संसद में बांग्लादेशी हिंदुओं और ईसाइयों के अधिकारों की रक्षा की बात करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाया।
प्रियंका गांधी ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं और ईसाइयों के साथ हो रहे अन्याय पर प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि देश में हर मुद्दे पर बात की जाती है, लेकिन प्रधानमंत्री इन गंभीर विषयों पर चुप क्यों हैं?
प्रियंका गांधी के बैग पर गोदी मीडिया और भाजपा द्वारा चलाए जा रहे नकारात्मक प्रचार पर कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। कांग्रेस का कहना है कि देश की आधिकारिक नीति हमेशा से फिलिस्तीन के स्वतंत्र राज्य के पक्ष में रही है। सवाल उठता है कि जब भारत फिलिस्तीन के समर्थन में है, तो इसे लेकर फिजूल का विवाद क्यों खड़ा किया जा रहा है?
वन नेशन, वन इलेक्शन’ पर सियासी घमासान:
संसद में ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ बिल को लेकर बहस भी जोरदार रही। यह बिल लोकसभा में 269 वोटों से पास हो गया, लेकिन राज्यसभा में सरकार के पास पर्याप्त बहुमत नहीं है, जिससे इसे चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इस बिल का जोरदार विरोध किया। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने इसे संविधान और संघीय ढांचे पर हमला बताया। उन्होंने कहा कि यह बिल देश की विविधता और लोकतांत्रिक अधिकारों पर सीधा प्रहार है।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, “यह बिल संविधान के खिलाफ है और देश के लोकतंत्र को कमजोर करने की साजिश है।” कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी इस पर आपत्ति जताते हुए इसे संघीय ढांचे के लिए खतरनाक बताया।
‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के विरोध में कांग्रेस ने उठाए पांच बड़े सवाल:
1. संघीय ढांचे पर प्रहार: कांग्रेस का कहना है कि इस बिल से राज्यों की विशेष आवश्यकताओं और अधिकारों को कमजोर किया जाएगा।
2. संसाधनों की भारी आवश्यकता: एक साथ चुनाव कराने के लिए बड़े पैमाने पर संसाधनों और व्यवस्था की आवश्यकता होगी, जो व्यावहारिक रूप से कठिन है।
3. सरकार पर जन निगरानी की कमी: हर साल होने वाले चुनाव सरकार पर जन दबाव बनाए रखते हैं। अगर सभी चुनाव एक साथ होंगे तो सरकार मनमानी करने लगेगी।
4. एक पार्टी के प्रभुत्व का खतरा: एक साथ चुनाव होने से एक ही पार्टी का प्रभुत्व बढ़ने का खतरा है, जो लोकतंत्र के लिए घातक हो सकता है।
5. मध्यावधि में सरकार गिरने की स्थिति: अगर किसी राज्य में सरकार गिरती है, तो नए चुनाव पांच साल तक नहीं होंगे। इसके परिणामस्वरूप राष्ट्रपति शासन लागू होगा, जिससे लोकतांत्रिक व्यवस्था कमजोर होगी।
कांग्रेस ने भाजपा पर आरोप लगाया कि यह बिल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी पार्टी को लंबे समय तक सत्ता में बनाए रखने के लिए लाया गया है। प्रियंका गांधी ने कहा, “यह भाजपा का भ्रम है कि जनता उनकी चालों को समझ नहीं रही। लेकिन इस बार जनता जवाब देगी।”
निष्कर्ष:
संसद में प्रियंका गांधी वाड्रा के बयान और ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ बिल पर विपक्ष का तीखा विरोध देश में लोकतंत्र और संविधान के प्रति बढ़ती चिंताओं को उजागर करता है। प्रियंका गांधी वाड्रा का बैग और बांग्लादेशी हिंदुओं पर उनका बयान जहां भाजपा और मीडिया के निशाने पर है, वहीं ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ पर बहस से यह साफ है कि विपक्ष इसे लेकर सरकार को घेरने की तैयारी में है। अब देखना होगा कि राज्यसभा में इस बिल का क्या हश्र होता है।