फ़ूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट में बृहस्पतिवार को ‘वेज मैनिया’ शाकाहारी भोजन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य मांसाहारी उत्पादों की खपत को कम करके शाकाहारी व्यंजनों के प्रचलन को बढ़ावा देना था। प्रतियोगिता में छात्रों ने अपने पाक-कला कौशल का प्रदर्शन करते हुए शाकाहारी उत्पादों जैसे सब्जियां, जड़ें, फल, अनाज, खाद्य वसा और डेयरी उत्पादों से विभिन्न स्वादिष्ट व्यंजनों को तैयार किया।
शाकाहारी व्यंजनों का विकास और प्रतियोगिता का उद्देश्य
प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य शाकाहारी व्यंजनों के प्रचलन को बढ़ावा देना था, ताकि मांसाहारी उत्पादों के उपयोग को सीमित किया जा सके। छात्रों को प्रेरित किया गया कि वे शुद्ध शाकाहारी व्यंजनों को तैयार करें और नए स्वादों की खोज में अपना योगदान दें। इस आयोजन में विद्यार्थियों ने बड़े उत्साह के साथ भाग लिया, और विविधता से भरपूर स्वादिष्ट व्यंजन तैयार किए, जिससे उनकी पाक-कला के प्रति निष्ठा और रचनात्मकता का प्रमाण मिला।
प्रतियोगिता की सफलता और छात्रों की भागीदारी
संस्थान के प्राचार्य नीलेंद्र प्रसाद श्रीवास्तव ने बताया कि यह प्रतियोगिता सभी छात्रों के लिए खुली थी और उन्होंने बड़े उत्साह के साथ पंजीकरण कराया। छात्रों ने अपनी खुद की शाकाहारी रेसिपी तैयार करके कुशल पाक-कला का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। श्रीवास्तव ने कहा, “संस्थान शाकाहारी भोजन की मात्रा बढ़ाने, अपव्यय को कम करने और सुरक्षित एवं नए तरीके खोजने के लिए निरंतर प्रयासरत है।”
प्रतियोगिता का परिणाम और विजेताओं की घोषणा
प्रतियोगिता में विद्यार्थियों द्वारा तैयार किए गए व्यंजनों का मूल्यांकन किया गया, और उनमें से शीर्ष 10 रेसिपीज़ को अंतिम चरण के लिए चयनित किया गया। निर्णायकों ने सबसे बढ़िया आइडिया, स्वाद और बनाने में आसानी के आधार पर प्रथम, द्वितीय, और तृतीय स्थान के विजेताओं के नाम घोषित किए। विजेताओं को संस्थान की विवरण पुस्तिका में प्रकाशित किया जाएगा और उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा।
शाकाहारी खान-पान के स्वास्थ्य लाभ
श्रीवास्तव ने शाकाहारी खान-पान के स्वास्थ्य लाभों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि कोविड महामारी ने हमें स्वास्थ्य सुरक्षा के प्रति सजग कर दिया है, और उच्च प्रोटीन युक्त शाकाहारी खाद्य पदार्थों का सेवन हमारे दैनिक जीवन में आवश्यक हो गया है। उन्होंने कहा, “शाकाहारी सूप, जिसमें कई तरह की सब्ज़ियाँ शामिल होती हैं, प्रचुर मात्रा में प्रोटीन प्रदान करता है। जड़ वाली सब्जियों को ओवन में भूनना एक स्वादिष्ट तरीका है जिससे उनकी सूक्ष्म मिठास बनी रहती है।”
प्रतियोगिता के आयोजन की सराहना और भविष्य की योजनाएँ
संस्थान के सचिव/प्राचार्य श्रीवास्तव ने छात्रों के प्रयासों और कार्यक्रम के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन के लिए आयोजकों की सराहना की। उन्होंने यह भी घोषणा की कि संस्थान में प्रवेश की अंतिम तिथि को 01 सितम्बर तक बढ़ा दिया गया है, जिससे इच्छुक अभ्यर्थियों को एक अंतिम अवसर प्रदान किया जा सके। इस निर्णय का उद्देश्य अधिकतम छात्रों को संस्थान की गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा का लाभ प्रदान करना है।
श्रीवास्तव ने कहा, “हमारे संस्थान की प्रयोगात्मक कक्षाओं में पोषण मूल्यों पर आधारित शाकाहारी व्यंजनों का प्रशिक्षण दिया जाता है और प्रतिदिन विभिन्न प्रकार के सलाद बनाने की विधि सिखाई जाती है। हम शाकाहार पर निर्भर रहने और स्वास्थ्य सुरक्षा के प्रति सतर्क रहने का आव्हान करते हैं, जिससे जीव हत्या को भी हतोत्साहित किया जा सके।”
निष्कर्ष
यह प्रतियोगिता सिर्फ एक पाक-कला का आयोजन नहीं था, बल्कि यह शाकाहारी जीवनशैली के प्रति जागरूकता बढ़ाने और इसके लाभों को उजागर करने का एक प्रयास भी था। इस आयोजन ने न केवल छात्रों के रचनात्मकता और पाक-कला कौशल को बढ़ावा दिया, बल्कि समाज में शाकाहारी खान-पान की संस्कृति को भी आगे बढ़ाया।
इस प्रकार, ‘वेज मैनिया’ प्रतियोगिता एक सफल और प्रेरणादायक आयोजन साबित हुआ, जिसने छात्रों और दर्शकों दोनों के दिलों में शाकाहारी खान-पान के महत्व को और गहराई से स्थापित किया।
प्रधान संपादक: वाई. के. चौधरी, दैनिक छठी आंख समाचार