अलीगढ़ 30 जनवरी मंडल ब्यूरो सुबूही गफूर
अजमेर (राजस्थान): अजमेर में ख्वाजा गरीब नवाज का सालाना उर्स चल रहा है और लाखों जायरीनों की भीड़ जुटी है। ख्वाज़ा के दरबार में लोग अपनी अपनी मुरादें लेकर पहुंचे हैं।
इस माहौल के बीच अजमेर दरगाह में हुए दंगल की खबर ने सबको हैरान कर दिया है। ये पूरा बवाल दरगाह परिसर में बनी शाहजहानी मस्जिद में हुआ है। बताया जा रहा है कि शाहजहानी मस्जिद में बरेली के जायरीनों ने विवादित नारेबाज़ी की जिसके बाद माहौल बिगड़ गया। नारे सुनकर कुछ खादिम भिड़ गए, उन्होंने नारे लगा रहे बरेली के जायरीनों को खदेड़ा और उनकी जमकर पिटाई कर दी। हालांकि मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने किसी तरह पीट रहे जायरीन को खादिमों से बचा लिया।
क्या ये सरवर चिश्ती की साजिश थी?
इस विवाद के पीछे की वजह भी खादिमों की संस्था अंजुमन के सचिव सैयद सरवर चिश्ती के उस बयान को माना जा रहा है जिसमें उन्होंने उर्स के दौरान नारेबाजी न करने की हिदायत दी थी। वहीं, अब इस मामले में सरवर चिश्ती और दरगाह थाना अधिकारी का ऑडियो सामने आया है जिसने सरवर चिश्ती के ऊपर सवाल खड़े कर दिए हैं। सरवर चिशती ने SHO अमर सिंह से दरगाह में लगे कैमेरा को बंद करने के लिए कहा। दरगाह परिसर में कैमरो को बंद कराने के लिए सरवर चिश्ती ने रात 11 से 3 बजे तक दरगाह परिसर में कैमेरों को बंद करने के लिए कहा और उसी वक्त रात 2 बजे हंगामा हुआ। क्या ये साज़िश थी सरवर चिशती की ?
सरवर चिश्ती को मिल रहा पुलिस का सहयोग?
सरवर चिशती के ऊपर आरोप लग रहे है कि उन्हें पुलिस का सहयोग मिल रहा है। सीकर के खाटू श्याम में भगदड़ मची थी और कुछ लोगों की मौत हुई थी जिसमें मुख्यमंत्री ने सभी धर्मगुरुओं की बैठक ली थी और उसमें कहा था की कलेक्टर आश्वस्त करे कि जहां भी भगदड़ जैसी स्थिति होगी उस स्थान के मैनजमेंट के खिलाफ मामला दर्ज होगा लेकिन अभी तक खादिमों के अंजुमन कमेटी सचिव के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं हुआ।
सरवर चिश्ती और बरेलवी जायरीनों के बीच चल रहा था विवाद
घटना से पहले सैयद सरवर चिश्ती ने अपने बयान में कहा था, ”अजमेर दरगाह में हर धर्म जाति के लोग आते हैं लिहाजा यहां किसी भी तरह की नारेबाजी न हो। यहां कुछ संस्था से जुड़े लोग तकरीर के साथ नारेबाजी भी करते हैं जिस वजह से पहले भी माहौल बिगड़ा है। दरगाह में ऐसी कोई हरकत न करें जिससे कि यहां की छवि खराब हो।”
बताया जा रहा है कि उर्स के दौरान दरगाह परिसर में होने वाली तकरीरों में कई उलेमा सलाम और तकरीर पेश करते हैं इनमें बरेलवी उलेमा भी शामिल हैं। इसी पर दरगाह अंजुमन कमेटी के सचिव सैयद सरवर चिश्ती को आपत्ति है। सरवर चिश्ती का यहीं बयान बरेलवी जायरीनों को नागवार गुजरा। बता दें कि कई दिनों ने सरवर चिश्ती और बरेलवी जायरीनों के बीच बयानबाजी जारी थी जिसको लेकर कई दिनों से विवाद चल रहा था जो रविवार शाम जंग में तब्दील हो गया।